याद है इक दिन -
मेरे मेज़ पे बैठे - बैठे,
सिगरेट की डिबिया पर तुमने,
छोटे से इक पौधे का,
एक स्केच बनाया था -
आकर देखो,
उस पौधे पर फूल आया है !
Saturday, July 25, 2009
Sketch
Posted by systematic chaos at 12:43 PM
Labels: Poems of others
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